1 दिन पहले
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हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर के नाम से एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि गाड़ियों के काफिले पर गुस्साई भीड़ पत्थरों और लाठी-डंडों से हमला कर रही है। इस दौरान सुरक्षाकर्मी भीड़ से गाड़ी को बचाते हुए भी नजर आ रहे हैं।
- दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो सिरसा का है। जहां गुस्साई भीड़ ने वोट मांगने गए भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर पर हमला कर दिया।
- इस वीडियो को कई वेरिफाइड और नॉन वेरिफाइड यूजर्स ने एक्स पर शेयर किया। झारखंड कांग्रेस के ऑफिशियल अकाउंट से यह वीडियो शेयर किया गया। इसके कैप्शन में लिखा है- BJP प्रत्याशी अशोक तंवर को सिरसा वालों ने आज ही लोकसभा में भेज दिया।
झारखंड कांग्रेस के इस अकाउंट को एक्स पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता फॉलो करते हैं।
रविंद्र नधोरी नाम के वेरिफाइड यूजर ने लिखा- सिरसा में भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार दलबदलू अशोक तंवर का किसानों ने जोरदार स्वागत किया।
कांग्रेस नेता हरीश मीना ने भी वायरल वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया।
खुद को एक्स पर पत्रकार बताने वाले शिवम यादव ने लिखा- सिरसा लोकसभा से बीजेपी के प्रत्याशी अशोक तंवर का जनता ने कुछ इस अंदाज में स्वागत किया। बीजेपी नेताओं को जनता का खूब विरोध झेलना पड़ रहा है ,इससे साफ है बीजेपी 400 नहीं 40 सीट पर सिमटने वाली है।
वायरल वीडियो का सच…
वायरल वीडियो का सच जानने के लिए हमने इसके की-फ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च किया। सर्च करने पर हमें यह वीडियो जानकारी के साथ पहरेदार भारत न्यूज के यूट्यूब चैनल पर मिला।
चैनल के मुताबिक, यह वीडियो हरियाणा के सिरसा का है। जहां डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा की गाड़ी पर किसानों ने हमला किया था। ध्यान देने वाली बात यह है कि ये वीडियो चैनल पर 3 साल पहले 11 जुलाई 2021 को अपलोड हुआ था।
यूट्यूब चैनल पर मौजूद वीडियो का स्क्रीनशॉट।
पड़ताल के अगले चरण में सर्च करने पर हमें इस मामले से जुड़ी खबर भास्कर समेत कई मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिलीं। खबर का लिंक…
3 साल पहले भास्कर की वेबसाइट पर पब्लिश हुई खबर का स्क्रीनशॉट।
11 जुलाई 2021 को हरियाणा के सिरसा में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक से लौट रहे डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा की गाड़ी पर किसानों ने डंडों व पत्थरों से हमला कर दिया था। हमले के दौरान कई सुरक्षाकर्मी और किसान जख्मी हुए थे।
हालांकि डिप्टी स्पीकर की गाड़ी में सवार किसी व्यक्ति को चोट नहीं आई थी। पुलिस ने 100 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया था। साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है। यह वीडियो 3 साल पुराना है, जिसे हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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